परमेश्वर स्तोत्रम् | Parmeshwar Stotram | जगदीश सुधीश भवेश विभो #parmeshwar @Mere Krishna <br /><br />#parmeshwar #parmeshwarstotra #परमेश्वर #जगदीश #शिव #shiv #shiva <br /><br />परमेश्वरस्तोत्रम् <br /><br />जगदीश सुधीश भवेश विभो <br />परमेश परात्पर पूत पितः । <br />प्रणतं पतितं हतबुद्धिबलं <br />जनतारण तारय तापितकम् ॥ १॥ <br /><br />गुणहीनसुदीनमलीनमतिं <br />त्वयि पातरि दातरि चापरतिम् । <br />तमसा रजसावृतवृत्तिमिमं <br />जनतारण तारय तापितकम् ॥ २॥ <br /><br />मम जीवनमीनमिमं पतितं <br />मरुघोरभुवीह सुवीहमहो । <br />करुणाब्धिचलोमिर्जलानयनं <br />जनतारण तारय तापितकम् ॥ ३॥ <br /><br />भववारण कारण कर्मततौ <br />भवसिन्धुजले शिव मग्नमतः । <br />करुणाञ्च समर्प्य तरिं त्वरितं <br />जनतारण तारय तापितकम् ॥ ४॥ <br /><br />अतिनाश्य जनुर्मम पुण्यरुचे <br />दुरितौघभरैः परिपूर्णभुवः । <br />सुजघण्यमगण्यमपुण्यरुचिं <br />जनतारण तारय तापितकम् ॥ ५॥ <br /><br />भवकारक नारकहारक हे <br />भवतारक पातकदारक हे । <br />हर शङ्कर किङ्करकर्मचयं <br />जनतारण तारय तापितकम् ॥ ६॥ <br /><br />तृषितञ्चरमस्मि सुधां हित मे- <br />ऽच्युत चिन्मय देहि वदान्यवर । <br />अतिमोहवशेन विनष्टकृतं <br />जनतारण तारय तापितकम् ॥ ७॥ <br /><br />प्रणमामि नमामि नमामि भवं <br />भवजन्मकृतिप्रणिषूदनकम् । <br />गुणहीनमनन्तमितं शरणं <br />जनतारण तारय तापितकम् ॥ ८॥ <br /><br />इति परमेश्वरस्तोत्रं सम्पूर्णम्